यदि पूर्वी एशिया के भारतीय बिना त्याग किए और बिना किसी प्रयास के जापान से मदद लेते तो वे गलत काम करते। लेकिन एक भारतीय के रूप में मुझे इस बात की खुशी और गर्व है कि पूर्वी एशिया में मेरे देशवासी भारत के स्वतंत्रता-संग्राम के लिए हर तरह का प्रयास कर रहे हैं और हर तरह की कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं।
महात्माजी, अब मैं अपनी अस्थायी सरकार के बारे में कुछ कहना चाहता हूं। जापान, जर्मनी और सात अन्य मित्र शक्तियों ने आजाद हिंद की अस्थायी सरकार को मान्यता दे दी है और इससे सारी दुनिया में भारतीयों का सम्मान बढ़ा है। इस अस्थायी सरकार का एक ही लक्ष्य है-सशस्त्र संघर्ष करके अंग्रेजों की गुलामी से भारत को मुक्त कराना। एक बार दुश्मनों के भारत
छोड़ने के बाद और व्यवस्था स्थापित होने के बाद अस्थायी सरकार का काम पूरा हो जाएगा। तब भारत के लोग स्वयं तय करेंगे कि उन्हें कैसी सरकार चाहिए और कौन उस सरकार को चलाएगा।