नहीं होगा राइट टू मैच कार्ड
एक शीर्ष क्रिकेट वेबसाइट के मुताबिक टीमों को यह छूट होगी कि वह अधिकतम तीन भारतीय खिलाड़ियों को रिटेन करना चाहते हैं। उसी हिसाब से ही अलग-अलग टीमों के लिए रिटेन होने वाले विदेशी खिलाड़ियों की संख्या एक या दो निर्धारित होगी। 2018 की बड़ी नीलामी की तरह इस बार आईपीएल टीमों के पास राइट टू मैच कार्ड नहीं होगा, जिसका प्रयोग करके कोई भी टीम अपने पुराने खिलाड़ियों को नीलामी के बाद भी प्राप्त कर सकती थी।

आईपीएल गवर्निंग कॉउंसिल ने इस सप्ताह इन नियमों को फ़्रेंचाइज़ी टीमों के सामने स्पष्ट किया। रिटेन होने वाले तीन भारतीय खिलाड़ियों में वे खिलाड़ी भी हो सकते हैं, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कभी भी भारत के लिए नहीं खेला हो।
लखनऊ और अहमदाबाद की नई फ़्रेंचाइज़ी को दो भारतीय और एक विदेशी खिलाड़ी साथ जोड़ने की छूट होगी, बशर्ते वे खिलाड़ी किसी दूसरे आईपीएल टीम के द्वारा रिटेन नहीं किए गए हों।
खिलाड़ियों पर निर्भर होगा नीलामी में जाएं या नहीं
यह खिलाड़ियों पर भी निर्भर करेगा कि वह अपनी टीम के द्वारा रिटेन होना चाहते हैं या नहीं। अगर कोई खिलाड़ी नीलामी के लिए जाना चाहता है तो उन्हें छूट होगी। हालांकि अभी भी आईपीएल को रिटेनशिप नियमों की घोषणा करनी है, लेकिन समझा जा रहा है कि रिटेन होने वाले खिलाड़ियों के नाम देने की समय सीमा इसी महीने के अंत तक होगी।
रिटेन हुए खिलाड़ियों पर एक अधिकतम सीमा तक ही पैसे ख़र्च किए जा सकते हैं, जिसका निर्धारण अभी आईपीएल को करना है। रिटेन किए गए खिलाड़ियों पर ख़र्च किए गए पैसे बड़ी नीलामी से पहले टीमों के पर्स से काट लिए जाएंगे।
जब 2018 में बड़ी नीलामी हुई थी तब टीमों को पर्स में 80 करोड़ रुपए दिए गए थे, इसमें से टीमें अधिकतम 33 करोड़ रुपए ही टीमें रिटेन किए गए खिलाड़ियों पर ख़र्च कर सकती थी। उस समय रिटेनशिप और राइट टू मैच कार्ड द्वारा अधिकतम पांच खिलाड़ियों को वापस रखा जा सकता था।(वार्ता)