रमीज़ के पीसीबी अध्यक्ष बनने के बाद से कई वरिष्ठ अधिकारीयों ने अपने पद से इस्तीफ़ा दिया है। इसमें इसी महीने मुख्य कोच मिस्बाह-उल-हक़ और बोलिंग कोच वक़ार यूनुस के नाम सर्वोपरि हैं।
अपने क़रार के सालभर की अवधि रहते ही वसीम अपने पद पर बने रहने के सवाल पर संदेहयुक्त थे। रमीज़ के अध्यक्षता से पूर्व अहसान मनी ने वसीम के साथ तीन और साल सीईओ बने रहने की बात छेड़ी थी लेकिन रमीज़ के आने के बाद इस सिलसिले में कोई बदलाव नहीं आ सका था।
वसीम ने मनी के साथ काम करते हुए पाकिस्तान के घरेलू क्रिकेट को नए सिरे से आयोजित करने में अहम भूमिका निभाई थी। प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की अगुआई में सालों से चले आ रहे विभागीय टीमों और क्षेत्रीय टीमों के मिश्रण की जगह घरेलू क्रिकेट अलग-अलग प्रांत के टीमों के बीच रखा गया। हालांकि इससे कई खिलाड़ियों को क्रिकेट खेलने के मौक़े से हाथ धोना पड़ा और सारा आक्रोश वसीम पर पड़ा।
वसीम ने इसके हल के लिए घरेलू क्रिकेट विभाग को राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के साथ जोड़कर हाई परफ़ॉर्मेंस सेंटर की स्थापना का सुझाव रखा। इससे प्रांतीय टीमों के अलावा शहरों के संगठनों में भी नौकरियां बढ़ी। और साथ में वेटरन क्रिकेटर्स को भी अधिक प्रशासनिक नौकरियों में भाग लेने का मौक़ा मिला।
वसीम के कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि रही पाकिस्तान में दौरा करने वाली टीमों और खिलाड़ियों के लिए देश को सुरक्षित साबित करने की। यह सिलसिला उनके आने से पहले से ही शुरू हो चुका था लेकिन वसीम के रहते पूरा पीएसएल और साथ ही टेस्ट क्रिकेट का आयोजन भी सफलतापूर्वक किया गया।Wasim Khan resigns as ChiefExecutive of Pakistan Cricket Board pic.twitter.com/HwOQBb4VkJ
— Arfa Feroz Zake (@ArfaSays_) September 29, 2021
ऐसा माना गया था कि ख़ासकर इंग्लैंड क्रिकेट प्रसाशन में वसीम के अच्छे रिश्तों के चलते विदेशी टीमें पाकिस्तान आने पर आश्वस्त होने लगी थी। हालांकि हालिया हफ़्तों में न्यूज़ीलैंड और इंग्लैंड के दौरे रद्द होने पर वसीम के इस प्रतिष्ठा पर सवालिया निशान पड़ गए हैं।(वार्ता)