भारत में विज्ञान के क्षेत्र में किशोरियों की वास्तविक स्थिति
* मिडिल स्कूलों में 74% किशोरियों का झुकाव विज्ञान की तरफ रहता है, जो हायर सेकंडरी स्तर पर 45% एवं उच्च शिक्षा में 23% रह जाता है।
* 60% किशोरियां विज्ञान के क्षेत्र में अपना करियर नहीं बनाना चाहती हैं।
* 10% किशोरियों के माता-पिता उनको विज्ञान पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
* पूरे भारत में 35% महिलाएं स्नातक हैं जिसमें से 8.5% ही विज्ञान में स्नातक हैं।
निराशाजनक आंकड़े
आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत में किशोरियों का झुकाव विज्ञान की ओर बहुत कम है, इस कारण से कार्यक्षेत्रों में लिंगानुपात प्रभावित हुआ है।
1. विश्वविद्यालयों में विभिन्न विषयों में बालक व बालिकाओं का अनुपात
विषय |
बालक | बालिका |
कला समूह | 9.4 | 10.5 |
जीव विज्ञान | 6.5 | 7.4 |
इंजीनियरिंग | 15.2 | 2.6 |
सामा. विज्ञान | 6.1 | 11.7 |
टेक्नोलॉजी | 3.7 | 1.4 |
कम्प्यूटर विज्ञान | 4.3 | 1.2 |
2. इंडियन नेशनल साइंस अकादमी के सर्वे के अनुसार महिलाओं की संख्या नेशनल लैबोरेटरीज एवं महत्वपूर्ण विश्वविद्यालयों में पुरुषों की तुलना में 15% कम है।
R & D एजेंसियों में महिला वैज्ञानिकों की स्थिति
एजेंसी |
पुरुष वैज्ञानिक | महिला वैज्ञानिक | प्रतिशत |
DBT |
456 | 121 | 26.5 |
CSIR | 5526 | 595 | 10.76 |
ICMR |
615 | 168 | 11.8 |
ICAR | 11057 | 1056 | 9.5 |
DST | 147 | 18 | 12.24 |
3. भारत के वैज्ञानिक संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों में पुरुष आधिपत्य है। महिलाएं कनिष्ठ पदों पर हैं तथा वरिष्ठ पदों पर पुरुष संख्या ज्यादा है।
पद | पुरुष | महिला |
असिस्टेंट प्रोफेसर | 45% | 57% |
एसोसिएट प्रोफेसर | 40% | 38% |
प्रोफेसर |
15% | 05% |
उपर्युक्त आंकड़े दर्शाते हैं कि किशोरियों का भविष्य विज्ञान के क्षेत्र में बहुत ज्यादा उज्ज्वल नहीं है। ये स्थितियां प्रतिक्रियात्मक हैं। यह किशोरियों के विज्ञान न पढ़ने का नतीजा है या किशोरियों के विज्ञान में रुचि न होने से ये स्थितियां निर्मित हो रही हैं। आकड़ों में समय के साथ सुधार जरूर हुआ होगा लेकिन स्थिति उतनी संतोषजनक अभी भी नहीं है।