इतिहास के झरोखों से : विक्रम संवत् 2000 पूरे होने पर विक्रम नगरी उज्जयिनी झूम उठी थी
राजशेखर व्यास | शुक्रवार,अप्रैल 1,2022
विक्रम संवत् 2079 आरंभ हो रहा है। अब जबकि उज्जैन में इस अवसर पर गौरव यात्रा निकाली जा रही है इतिहास के गवाक्षों से झांक ...
अमर शहीद कॉमरेड भगत सिंह : खुश रहो अहले वतन....
राजशेखर व्यास | मंगलवार,मार्च 22,2022
कई बार सोचा करता हूं क्या वे उनके विचारों को भी जला या बहा पाए? नहीं। उनके विचार आज भी दिल और दिमागों में आग लगाया करते ...
What is Love: जीवन के हर मोड़ पर साथ निभाता है प्यार
राजशेखर व्यास | सोमवार,फ़रवरी 14,2022
प्यार का एक और रूप जो अजीब है अनबूझ पहेली की तरह है। इसे आज तक कोई समझ नहीं पाया है। यह पता नहीं किस तरह दो अजनबी को ...
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के अंतिम भाषण के अंश : जरूर पढ़ें
राजशेखर व्यास | रविवार,जनवरी 23,2022
सुभाष बाबू की गणना हमारे इतिहास के सर्वाधिक सम्मानित व्यक्तियों में होती है। वे कांग्रेस के भी अध्यक्ष रहे थे और ...
जब भगत सिंह ने कहा था, ‘मां, मेरे लिए तो संसार में चारों तरफ फूल-ही-फूल हैं’
राजशेखर व्यास | मंगलवार,सितम्बर 28,2021
उनकी पहली गिरफ्तारी भी लाहौर में दशहरा बम-कांड के सिलसिले में 23 अक्तूबर को ही हुई थी। फांसी से दो दिन पहले जब मां उनसे ...
उज्जैन का प्रसिद्ध हरसिद्धि मंदिर जहां राजा विक्रमादित्य ने 11 बार दी थी अपने सिर की बलि
राजशेखर व्यास | बुधवार,अक्टूबर 14,2020
देवीजी सम्राट विक्रमादित्य की आराध्या रही हैं। इस स्थान पर विक्रम ने अनेक वर्षपर्यंत तप किया है।
भगत सिंह दिवस पर पढ़ें मार्मिक प्रसंग : भगतसिंह और 'भाग्य'!
राजशेखर व्यास | शुक्रवार,मार्च 22,2019
आमतौर पर भगतसिंह के बारे में यह एक निर्भ्रांत तथ्य है कि वे एक घोषित नास्तिक थे, फिर भला 'भाग्य' से उनका क्या वास्ता हो ...
स्मृति शेष : भीतर से छोटे बच्चे की तरह थे नामवर सिंह जी
राजशेखर व्यास | गुरुवार,फ़रवरी 21,2019
नामवर सिंह जी का जाना हिन्दी की आलोचना परम्परा के बहुत बड़े स्तम्भ का ढह जाना है।
मदिरापान करती हैं काल भैरव प्रतिमा लेकिन कैसे यह कोई नहीं जानता...
राजशेखर व्यास | बुधवार,नवंबर 28,2018
शिप्रा के उत्तर तट पर 'कालभैरव' का सुविशाल मंदिर है। मंदिर के पास नीचे शिप्रा नदी का घाट बहुत बड़ा और सुंदर पुख्ता बना ...
क्रांतिकारी, कर्मयोगी और कलाप्रेमी हैं श्रीकृष्ण, हर रूप में करते हैं आकृष्ट
राजशेखर व्यास | रविवार,सितम्बर 2,2018
उसने जो किया खुलकर किया, जमकर किया,लगकर किया। कृष्ण पूर्णपुरूष हैं, मर्द हैं-नायक हैं, योगी भी,भोगी भी। जो करते हैं ...