बस यह सुनते ही महाराज आग-बबूला हो गए। चुगलखोर दरबारी आगे बोला- आपने साफ कहा था कि दरबार में आने पर कोड़े पड़ेंगे, इसकी भी उसने कोई परवाह नहीं की। अब तो तेनालीराम आपके हुक्म की भी अवहेलना करने में जुटा है।
राजा दरबार में पहुंचे। उन्होंने देखा कि सिर पर मिट्टी का एक घड़ा ओढ़े तेनालीराम विचित्र प्रकार की हरकतें कर रहा है। घड़े पर चारों ओर जानवरों के मुंह बने थे।