तेनालीराम की कहानियां : मूर्खों का साथ हमेशा दुखदायी
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एक बार जब राजा कृष्णदेव राय वेष बदलकर कुछ गांवों के भ्रमण को जाने लगे तो अपने साथ उन्होंने इस बार तेनालीराम को नहीं लिया बल्कि उसकी जगह दो अन्य दरबारियों को साथ ले लिया।
घूमते-घूमते वे एक गांव के खेतों में पहुंच गए। खेत से हटकर एक झोपड़ी थी, जहां कुछ किसान बैठे गपशप कर रहे थे। राजा और अन्य लोग उन किसानों के पास पहुंचे और उनसे पानी मांगकर पिया।
फिर राजा ने किसानों से पूछा, ‘कहो भाई लोगों, तुम्हारे गांव में कोई व्यक्ति कष्ट में तो नहीं है? अपने राजा से कोई असंतुष्ट तो नहीं है?’