दासी के पुत्र का नाम हुसिफ था। चूंकि हुसिफ व बादशाह अकबर ने एक ही स्त्री का दुग्धपान किया था, इसलिए वे दूध-भाई हो गए थे। बादशाह अकबर को भी लगाव था हुसिफ से।
समय बीतता रहा। बादशाह अकबर बादशाह बन गए और देश के सर्वाधिक शक्तिशाली सम्राट बने। लेकिन हुसिफ एक मामूली दरबारी तक न बन पाया। उसकी मित्रता जुआरियों के साथ थी और कुछ ऐसे लोग भी उसके साथी थे, जो पैसा फिजूल बहाया करते थे।