माना कि आप सुरक्षित गाड़ी चला रहे हैं, गति की सीमा और ट्रैफिक के नियमों का पालन भी आप कर रहे हैं लेकिन फिर भी कुछ है जो आपको दुर्घटनाओं की ओर ले जा रहा है।
आपको यह समझ ही नहीं आ रहा है कि आपके साथ ऐसा क्यों हो रहा है?
आपको यह समझ ही नहीं आ रहा है कि आपके साथ ऐसा क्यों हो रहा है?
दरअसल यह आसामान्य स्थिति आपके घर पर आपकी कार के दक्षिण-पूर्व अर्थात साउथ-ईस्ट दिशा-जोन में पार्किंग करने की वजह से बनती है। वास्तु के अनुसार, दक्षिण-पूर्व अर्थात साउथ-ईस्ट का जोन आग का है। संतुलित अर्थात बैलेंसड स्थिति में आग एक रक्षक की भूमिका निभाती है लेकिन यदि असंतुलित अर्थात इमबैलेंसड हो जाए तो दुर्घटनाओं का कारण बनती है।
उपाय: यदि आपकी कार का रंग ब्लू या सिल्वर या ब्लैक है तो आपको अपनी कार को घर में प्लाट या निर्मित भूभाग के दक्षिण-पूर्व अर्थात साउथ-ईस्ट में पार्क करने से परहेज करना चाहिए। पर अगर आपके पास कोई विकल्प ही नहीं हो तो आपको वहां दीवारों पर हरे रंग का शेड पेंड कराना चाहिए या वहां कुछ हरे पौधे रख देने चाहिए।
पेंट कितना होगा या कितने पौधे रखे जाएंगे, यह वर्किंग करके बार चार्ट तकनीक से निर्धारित किया जाता है।
पेंट कितना होगा या कितने पौधे रखे जाएंगे, यह वर्किंग करके बार चार्ट तकनीक से निर्धारित किया जाता है।
इसी प्रकार पंच तत्व- जल, वायु, आग, पृथ्वी और आकाश- रंगों के रूप में अवचेतन मन के स्तर पर हमें प्रभावित करते हैं।
उदाहरण के तौर पर यदि उत्तर अर्थात नार्थ की ओर मुख वाले शोरूम में लाल साइन बोर्ड हो तो यह ग्राहकों-कस्टमरों को शोरूम में आने से रोकता है। ऐसे में दिशाओं और पंच तत्वों के संतुलन से बिना तोड़फोड़ के इस समस्या को सुलझाया जा सकता है।
उदाहरण के तौर पर यदि उत्तर अर्थात नार्थ की ओर मुख वाले शोरूम में लाल साइन बोर्ड हो तो यह ग्राहकों-कस्टमरों को शोरूम में आने से रोकता है। ऐसे में दिशाओं और पंच तत्वों के संतुलन से बिना तोड़फोड़ के इस समस्या को सुलझाया जा सकता है।
इसके लिए आपको सबसे पहले अपने घर/मकान के निर्मित भाग का केंद्र निकाल कर नार्थ की डिग्री को जांच कर उसे एंगुलर डिवीजन से 16 बराबर के हिस्सों में बांटना होगा ताकि आपको ज्ञान हो सके कि आपका निर्माण का कौन सा हिस्सा किस-किस जोन में आ रहा है और क्या क्या समस्याएं दे रहा है या फिर समस्याएं दे सकता है।