बहराइच में ऑक्सीजन की कमी से हाहाकार मचा हुआ है, सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी कोविड और नॉन कोविड पेशेंट्स को ऑक्सीजन गैस पर्याप्त में में नही मिल पाने से हड़कम्प मचा हुआ है। बहराइच जिले में आज एक डॉक्टर 26 मासूमों की जिंदगी बचाने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी के गिड़गिड़ाते हुए ऑक्सीजन गैस की मांग करता हुआ नजर आया।
सीएमओ के सामने गिड़गिड़ाते डाक्टर गयास का कहना है कि अस्पताल में 26 बच्चे भर्ती हैं, जिसमें से 11 बच्चे वेंटिलेटर पर है, जिन्हें हर समय ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, अस्पताल में मात्र 2 घंटे की ऑक्सीजन गैस मौजूद है, ऐसे में यदि 11 बच्चों को समय रहते ऑक्सीजन नही मिली तो, उनकी जीवन डोर टूट सकती है।

सीएमओ के सामने गिड़गिड़ाते डाक्टर गयास का कहना है कि अस्पताल में 26 बच्चे भर्ती हैं, जिसमें से 11 बच्चे वेंटिलेटर पर है, जिन्हें हर समय ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, अस्पताल में मात्र 2 घंटे की ऑक्सीजन गैस मौजूद है, ऐसे में यदि 11 बच्चों को समय रहते ऑक्सीजन नही मिली तो, उनकी जीवन डोर टूट सकती है।
कोरोना महामारी की वजह से निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई सीएमओ के आदेश पर की जा रही है। कोरोनाकाल में ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई है।
सरकारी और निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन गैस की मांग बढ़ गई है। मांग के अनुसार गैस उपलब्ध नहीं है, जिसकी वजह से निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की जान खतरे में पड़ी हुई है। डाक्टर गयास का कहना है कि जल्दी ही उन्हें ऑक्सीजन गैस सिलेंडर नहीं मिले तो बच्चों की जान भी जा सकती है।

सरकारी और निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन गैस की मांग बढ़ गई है। मांग के अनुसार गैस उपलब्ध नहीं है, जिसकी वजह से निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की जान खतरे में पड़ी हुई है। डाक्टर गयास का कहना है कि जल्दी ही उन्हें ऑक्सीजन गैस सिलेंडर नहीं मिले तो बच्चों की जान भी जा सकती है।
ऑक्सीजन की कमी की वजह से दर्जनों बच्चे वेंटिलेटर पर दम तोड़ सकते हैं। ऑक्सीजन गैस की किल्लत पर बहराइच जिले के सीएमओ राजेश श्रीवास्तव का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी पूरे प्रदेश में हैं। बहराइच भी इससे अछूता नहीं है।
भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर दिलों जान से इन शिशुओं को जीवन देने में जुटे है, ऐसे में सीएमओ के व्यवहार ने डॉक्टरों के मन को झकझोर दिया है। ये डॉक्टर मानवता के नाते सीएमओ को बच्चों का वास्ता दे रहे हैं। इसे देखकर 26 अबोध शिशु की जान का बचाने की कवायद देखकर किसी का भी दिल व्यथित हो जाएगा।
भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर दिलों जान से इन शिशुओं को जीवन देने में जुटे है, ऐसे में सीएमओ के व्यवहार ने डॉक्टरों के मन को झकझोर दिया है। ये डॉक्टर मानवता के नाते सीएमओ को बच्चों का वास्ता दे रहे हैं। इसे देखकर 26 अबोध शिशु की जान का बचाने की कवायद देखकर किसी का भी दिल व्यथित हो जाएगा।