नई दिल्ली। आयकर विभाग ने बुधवार को कहा कि नए आईटीआर पोर्टल पर कई तकनीकी मुद्दों का समाधान किया गया है और वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अब तक 1.19 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं। पोर्टल पर करदाताओं की गतिवधियों की जानकारी देते हुए आयकर विभाग ने कहा कि सात सितंबर तक 8.83 करोड़ विशिष्ट करदाताओं ने पोर्टल पर लॉगइन किया। सितंबर में औसतन प्रतिदिन 15.55 लाख करदाता पोर्टल पर लॉगइन किए।
आयकर रिटर्न फाइलिंग सितंबर 2021 में दैनिक आधार पर 3.2 लाख पहुंच गई है। विभाग ने कहा, कई तकनीकी मुद्दों का समाधान किया गया है और पोर्टल पर फाइलिंग के जो आंकड़े हैं, वह काफी सकारात्मक है। आकलन वर्ष 2021-22 के 1.19 करोड़ आईटीआर भरे गए हैं।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा, इनमें से 76.2 लाख करदाताओं ने रिटर्न भरने के लिए पोर्टल की ऑनलाइन विशेषताओं का उपयोग किया। उल्लेखनीय है कि नई ई-फाइलिंग पोर्टल डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट इंकमटैक्स डॉट गॉव डॉट इन (www.incometax.gov.in) की शुरुआत सात जून को हुई। शुरुआत में करदाताओं और पेशेवरों ने तकनीकी गड़बड़ी की शिकायतें कीं।
बयान के अनुसार वित्त मंत्रालय लगातार इंफोसिस के साथ मुद्दों के समाधान पर नजर रखे हुए है। पोर्टल विकसित करने का ठेका 2019 में इंफोसिस को दिया गया था। विभाग के अनुसार, यह उत्साहजनक है कि 94.88 लाख से अधिक आईटीआर ई-सत्यापित किए जा चुके हैं। यह केंद्रीकृत प्रसंस्करण केंद्र द्वारा प्रसंस्करण के लिए आवश्यक है। इसमें से 7.07 लाख आईटीआर प्रसंस्कृत किए जा चुके हैं।(भाषा)
आयकर रिटर्न फाइलिंग सितंबर 2021 में दैनिक आधार पर 3.2 लाख पहुंच गई है। विभाग ने कहा, कई तकनीकी मुद्दों का समाधान किया गया है और पोर्टल पर फाइलिंग के जो आंकड़े हैं, वह काफी सकारात्मक है। आकलन वर्ष 2021-22 के 1.19 करोड़ आईटीआर भरे गए हैं।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा, इनमें से 76.2 लाख करदाताओं ने रिटर्न भरने के लिए पोर्टल की ऑनलाइन विशेषताओं का उपयोग किया। उल्लेखनीय है कि नई ई-फाइलिंग पोर्टल डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट इंकमटैक्स डॉट गॉव डॉट इन (www.incometax.gov.in) की शुरुआत सात जून को हुई। शुरुआत में करदाताओं और पेशेवरों ने तकनीकी गड़बड़ी की शिकायतें कीं।
बयान के अनुसार वित्त मंत्रालय लगातार इंफोसिस के साथ मुद्दों के समाधान पर नजर रखे हुए है। पोर्टल विकसित करने का ठेका 2019 में इंफोसिस को दिया गया था। विभाग के अनुसार, यह उत्साहजनक है कि 94.88 लाख से अधिक आईटीआर ई-सत्यापित किए जा चुके हैं। यह केंद्रीकृत प्रसंस्करण केंद्र द्वारा प्रसंस्करण के लिए आवश्यक है। इसमें से 7.07 लाख आईटीआर प्रसंस्कृत किए जा चुके हैं।(भाषा)