भोपाल। कोरोनाकाल में मानसिक स्वास्थ्य के मोर्चे पर बढ़ती चुनौतियों को वेबदुनिया लगातार अपनी खबरों के माध्यम से उठाता आ रहा है। कोरोना काल में कैसे मानसिक स्वास्थ्य की समस्या एक सुनामी में बदलकर लोगों को प्रभावित कर रही है,इसको वेबदुनिया ने ही सबसे पहले सरकार के सामने रखा था। कोरोना की तीसरी लहर की चुनौतियों से जूझती देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए संसद में आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना जो बजट पेश किया उमसें मानसिक स्वास्थ्य को एक बड़ा मुद्दा बताया गया।
अपने बजट भाषण के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 'महामारी ने सभी उम्र के लोगों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा दिया है। गुणवत्तापूर्ण मानसिक परामर्श और देखभाल सेवाओं तक बेहतर पहुंच के लिए, एक नेशनल टेलीमेंटल हेल्थ प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। इसके लिए 23 टेली मेंटल हेल्थ सेंटर्स का एक नेटवर्क बनाया जाएगा जिसमें NIMHANS नोडल केंद्र होगा'।

आम बजट में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सरकार का फोकस होने पर वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ सत्यकांत त्रिवेदी एक सराहनीय कदम बताते है। वह कहते हैं कि पोस्ट कोविड में मानसिक स्वास्थ्य के मामलों में तेजी से इजाफा देखा गया है,डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक पोस्ट कोविड काल में 30-40 फीसदी मामलों में इजाफा देखा गया है। ऐसे में बजट में टेलीमेंटल सेंटर शुरू किए जाने की घोषणा निश्चित ही सराहनीय कदम है। इससे दूरदराज के क्षेत्रों में रह रहे लोग, जहां मनोचिकित्सकों की आसानी से पहुंच नहीं है, उनको बहुत लाभ मिलने वाला है।
मेंटल हेल्थ को लेकर पिछले लंबे समय से जागरूकता कैंपेन चलाने वाले प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डॉक्टर सत्यकांत त्रिवेदी कहते हैं कि टेलीमेंटल सेंटर शुरू होने से लोगों की समस्या को समझना और उनकी काउंसिलिंग करना आसान होगा। केंद्र सरकार के साथ अब राज्य सरकारों को भी
मानसिक स्वास्थ्य के लिए आगे आने होगा। जिससे केंद्र के साथ राज्य मिलकर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं को धरातल पर सहीं तरीके से उतार सके।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए आगे आने होगा। जिससे केंद्र के साथ राज्य मिलकर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं को धरातल पर सहीं तरीके से उतार सके।