भाद्रपद शुक्ल तीज को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। इस दौरान महिलाएं व्रत रखकर माता पार्वती की पूजा और आराधना करती है। कहते हैं कि माता पार्वती के व्रत की शुरुआत हरियाली तीज से होकर हरतालिका तीज को समाप्त होती है। यह व्रत उत्तर भारत में खासा प्रचलित है। आओ जानते हैं हरतालिका तीज के दिन क्या करती हैं महिलाएं।
1. हरतालिका
तीज के दिन महिलाएं मेंहदी लगाती हैं और 16 श्रृंगार करती हैं।
तीज के दिन महिलाएं मेंहदी लगाती हैं और 16 श्रृंगार करती हैं।
2. इस दिन महिलाएं हरा लहरिया या चुनरी में गीत गाती हैं, झूला झूलती हैं और खुशियां मनाती हैं।
3. हरतालिका
तीज के दिन विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए सामान्य व्रत रखती हैं।
तीज के दिन विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए सामान्य व्रत रखती हैं।
4. हरतालिका
तीज के दिन अनेक स्थानों पर मेले लगते हैं और माता पार्वती की सवारी बड़े धूमधाम से निकाली जाती है और महिलाएं इसमें शामिल होती हैं। परंतु आजकल यह प्रचलन कम हो चला है।
तीज के दिन अनेक स्थानों पर मेले लगते हैं और माता पार्वती की सवारी बड़े धूमधाम से निकाली जाती है और महिलाएं इसमें शामिल होती हैं। परंतु आजकल यह प्रचलन कम हो चला है।
5. आस्था, सौंदर्य और प्रेम का यह त्योहार हरियाली तीज भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन की याद में मनाया जाता है। सभी महिलाएं भी इस दिन से व्रत की शुरुआत करती हैं जो हरितालिका तीज तक चलता है परंतु आजकल बस दो दिन ही व्रत रखते हैं हरियाली तीज और हरितालिका तीज। हरितालिका तीज का व्रत कठिन होता है जिसमें जागरण भी करना होता है।
6. इस दिन महिलाएं मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वती एवं उनकी सहेली की प्रतिमा बनाकर सुबह से लेकर रातभर पूजन, भजन करती हैं।
6. इस दिन महिलाएं मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वती एवं उनकी सहेली की प्रतिमा बनाकर सुबह से लेकर रातभर पूजन, भजन करती हैं।