टीवी चैनल एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक शिंदे ने कहा कि विधान परिषद चुनाव के दौरान मेरे साथ बहुत ही बुरा व्यवहार किया गया। उस समय मेरे साथ जो बर्ताव हुआ, वह सभी विधायकों ने देखा। मुझे बदनाम भी किया गया। इसके बाद मेरे पास विधायकों के फोन आने लगे और लोग साथ आते गए।
उद्धव गुट पर हमला करते हुए शिंदे ने कहा कि जब हमने बगावत की तो किसी ने भी नहीं पूछा कि हम कहां जा रहे हैं। एक तरफ मुझे मनाने के लिए नेताओं को भेजा गया, लेकिन उसी बीच मुझे पद से भी हटा दिया गया। सही बात तो यह है कि मुझसे वह व्यवहार सहन नहीं हुआ और मुझे यह कदम उठाना पड़ा।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिंदे ने आज फ्लोर टेस्ट भी पास कर लिया है। सरकार के समर्थन में 164 वोट पड़े थे, जबकि सरकार के खिलाफ 99 वोट पड़े थे। दूसरी ओर, एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने भविष्यवाणी की है कि शिंदे सरकार 6 माह के भीतर गिर जाएगी।