जानकरी के लिए बता दें कि, प्रेसिडेंशियल ट्रेन, कानपुर आते समय 15-15 मिनट के लिए उनके गृह जनपद के झींझक और रूरा रेलवे स्टेशनों पर भी रुकेगी। रामनाथ कोविंद 27 जून को अपने पैतृक गांव परौंख भी जाएंगे। जहां वह परिवार, दोस्तों और ग्रामीणों से मिलेंगे। 29 जून को राष्ट्रपति वापस दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।
राष्ट्रपति की सुरक्षा में 100 स्नाइपर्स और 80 स्पेशल एनएसपी कमांडो के अलावा 10 जनपदों की पुलिस फोर्स और आरपीएफ जीआरपी तैनात रहेगी। सुरक्षा संबंधी तैयारियों का अफसरों ने जायजा ले लिया है और कहां किसकी ड्यूटी रहेगी इसका निर्धारण भी किया गया है। वहीं, सेंट्रल रेलवे स्टेशन, सर्किट हाउस के अलावा अब एयरपोर्ट पर भी कमांड सेंटर बनाने का फैसला किया गया है। राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए जो मैप तैयार किया गया है, उसमें बाहरी घेरा पुलिस, पीएसी, जीआरपी और आरपीएफ का होगा, जो अत्यानुधिक हथियारों से लैस होंगे।
18 साल बाद ऐसा मौका आया है जब प्रेसिडेंशियल ट्रेन का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे पहले इस ट्रेन का इस्तेमाल साल 2006 में किया गया था, तब देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम दिल्ली से देहरादून गए थे। अब्दुल कमाल इंडियन मिलिट्री एकेडमी में सेना के पासिंग आउट परेड में शामिल होने गए थे।