-ललित भट्ट, देहरादून से
वायुसेना के जांबाजों ने दुनिया के सबसे भारी विमान MI26 को पहाड़ों में उतारकर अद्भुत कारनामा कर दिखाया है। यह अद्भुत इसलिए है क्योंकि गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच घाटी काफी संकरी है और ऐसे में विमान उड़ाना बहुत ही दुष्कर है, लेकिन विंग कमांडर जीएस तुंग के नेतृत्व में वायुसेना ने इस मुश्किल लक्ष्य को भी हासिल कर लिया।
ऐसा ही नजारा उत्तराखंड में उस समय देखने को मिला, जब वायुसेना के जांबाजों ने बाढ़ में बर्बाद इलाके को फिर से आबाद करने के लिए दुनिया के सबसे भारी विमान एमआई-26 को उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में उतार दिया। इस विमान में अत्याधुनिक मशीनें हैं।
वायुसेना द्वारा इस जटिल कार्य को अंजाम देने के बाद साल 2013 में आई आपदा से छिन्न-भिन्न हुए केदारनाथ के स्वरूप को दोबारा वापस लौटाने के लिए लगे नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के कार्यों में अब तेजी आने लगी है।
अभी तक माइनस डिग्री वाले इस क्षेत्र में सिर्फ मजदूरों के सहारे निरंतर कार्य में जुटे निम को अब वायुसेना के सबसे बड़े मालवाहक विमान एमआई-26 द्वारा पहुंचाई जा रही अत्याधुनिक मशीनों से कार्य करने में सुविधा और तेजी मिलने लगी है।
जमा देने वाली ठंड में इस तरह बना हेलीपैड... अगले पन्ने पर...