नई दिल्ली। कांग्रेस ने मंगलवार को मोदी सरकार पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि दुर्भाग्य है कि मोदी सरकार LIC को बेच रही है। पार्टी ने सवाल किया कि 30 करोड़ पॉलिसी धारकों के विश्वास का मूल्यांकन कम क्यों किया गया?
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि एलआईसी 14 लाख लोगों को रोजगार दे रहा है। 120 करोड़ लोग इससे सीधे प्रभावित हो रहे हैं।
सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, 'जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी' फिर इतनी जल्दबाजी क्यों? 30 करोड़ एलआईसी पॉलिसी धारकों के कॉन्फिडेंस और भरोसे की कीमत इतनी कम क्यों?
“जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी” - फिर इतनी जल्दबाज़ी क्यों?
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) May 3, 2022
Why Confidence & Trust of 30 Crore LIC Policy Holders valued at throw away price?
Our Statement -: pic.twitter.com/JwI3JMxTIw
एंकर निवेशकों से जुटाए 5,627 करोड़ : बीमा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी एलआईसी ने मंगलवार को कहा कि उसने अपने आईपीओ से पहले घरेलू संस्थानों की अगुवाई में एंकर निवेशकों से 5,627 करोड़ रुपए से अधिक जुटाए हैं। बीमा कंपनी ने शेयर बाजारों को बताया कि एंकर निवेशकों (एआई) के हिस्से (5,92,96,853 इक्विटी शेयर) को 949 रुपये प्रति इक्विटी शेयर पर पूरा अभिदान मिला।
उल्लेखनीय है कि देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी एलआईसी ने अपने 21,000 करोड़ रुपए के आईपीओ के लिए कीमत का दायरा 902-949 रुपए प्रति शेयर तय किया। निर्गम2 मई को संस्थागत और खुदरा खरीदारों के लिए खुला और 9 मई को बंद होगा। शेयर आईपीओ बंद होने के एक सप्ताह बाद 17 मई को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हो सकते हैं।
LIC का दावा है कि आईपीओ के जरिए सरकारी हिस्सेदारी में कुछ कमी होने के बावजूद एलआईसी अधिनियम की धारा 37 के तहत इस पर सरकार का नियंत्रण बना रहेगा। एलआईसी में सरकार की हिस्सेदारी 51 फीसदी से कम नहीं होगी।