ब्लैक बॉक्स से बुधवार को पर्वतीय क्षेत्र में हुए इस हादसे के पहले के घटनाक्रम संबंधी अहम जानकारी मिलेगी।इससे यह पता चल सकता है कि हादसे की वजह मौसम में खराबी थी या किसी अन्य वजह से हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में केवल वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ही जीवित बचे हैं।
क्या होता है ब्लैक बॉक्स :
किसी विमान या हेलीकॉप्टर में लगा फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (एफडीआर) या ब्लैक बॉक्स सर्वाधिक महत्वपूर्ण उपकरण होता है, जिसकी मदद से विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों का पता लगाया जा सकता है। इस उपकरण का नाम भले ही ब्लैक बॉक्स हो लेकिन उसका रंग नारंगी होता है और उसे विमान के पिछले हिस्से में लगाया जा सकता है ताकि दुर्घटना के बाद उसे खोजने में सहूलियत हो सके। विमान के पिछले हिस्से को दुर्घटना की स्थिति में सर्वाधिक सुरक्षित माना जाता है।
किसी विमान या हेलीकॉप्टर में लगा फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (एफडीआर) या ब्लैक बॉक्स सर्वाधिक महत्वपूर्ण उपकरण होता है, जिसकी मदद से विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों का पता लगाया जा सकता है। इस उपकरण का नाम भले ही ब्लैक बॉक्स हो लेकिन उसका रंग नारंगी होता है और उसे विमान के पिछले हिस्से में लगाया जा सकता है ताकि दुर्घटना के बाद उसे खोजने में सहूलियत हो सके। विमान के पिछले हिस्से को दुर्घटना की स्थिति में सर्वाधिक सुरक्षित माना जाता है।


1953 में हुई थी ब्लैक बॉक्स की खोज : मेलबोर्न के एयरोनॉटिकल रिसर्च लैबोरेट्रीज के डेविड वारेन ने 1953 में ब्लैक बॉक्स की खोज की थी। उन्होंने विमान दुर्घटना के कारणों की पहचान में मदद के लिए ब्लैक बॉक्स की खोज की थी।

