रमीज ने यकीन जताया कि भारतीय टीम अगले साल एशिया कप खेलने पाकिस्तान आयेगी।उन्होंने कहा , मुझे लगता कि वे आयेंगे । अगर वे नहीं आते हैं तो हम देखेंगे कि क्या किया जा सकता है।बीसीसीआई सचिव जय शाह पहले ही रमीज के प्रस्ताव को यह कहकर खारिज कर चुके हैं कि भारत का मकसद खेल का वैश्वीकरण है और अल्पकालिक वित्तीय फायदे नहीं।
जनवरी में ही रमीज राजा ने ट्वीट कर मंशा की थी जाहिर
राजा ने ट्विटर पर लिखा था, हैलों फैंस (नमस्कार प्रशंसकों)। आईसीसी को एक चार देशों की टी20 अंतरराष्ट्रीय सुपर सीरीज का प्रस्ताव देने जा रहा हूं। इसमें पाकिस्तान, भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की टीम शामिल होगी। इसे हर साल खेला जाएगा और इसकी मेजबानी का अधिकार चारों देशों को बारी बारी से मिलेगा।
राजा ने लिखा था, इसके राजस्व का एक अलग तरीका होगा जिसमें मुनाफा प्रतिशत को सभी सदस्यों में साझा किया जायेगा। मुझे लगता है कि यह सबके लिए फायदे का सौदा है।पीसीबी प्रमुख के प्रस्ताव को नियमित आधार पर भारत-पाकिस्तान क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता को पुनर्जीवित करने के प्रयास के रूप में देखा जा सकता है।Hello fans.Will propose to the ICC a Four Nations T20i Super Series involving Pak Ind Aus Eng to be played every year,to be hosted on rotation basis by these four. A separate revenue model with profits to be shared on percentage basis with all ICC members, think we have a winner.
— Ramiz Raja (@iramizraja) January 11, 2022
आईसीसी के आगामी भविष्य दौरा कार्यक्रम में हालांकि इस तरह के टूर्नामेंट के लिए कोई जगह नहीं है। भारत ने भी लगभग एक दशक से त्रिकोणीय और चार देशों की श्रृंखला खेलना बंद कर दिया है।
दोनों पड़ोसी देश 2013 के बाद से आईसीसी टूर्नामेंट और एशिया कप के अलावा एक-दूसरे के खिलाफ नहीं खेले हैं।भारत और पाकिस्तान के बीच पिछली द्विपक्षीय श्रृंखला 2012-13 में आयोजित की गई थी जब भारत ने टी20 श्रृंखला में पाकिस्तान की मेजबानी की थी।

दो मैचों की यह सीरीज टाई हो गई थी। पाकिस्तान ने इस सीरीज में टी-20 मैचों में पहली बार भारत के खिलाफ जीत का स्वाद चखा था। पहले मैच में शोएब मलिक को मैन ऑफ द मैच का पुरुस्कार मिला था।
पाकिस्तान ने हाल ही में भारत को टी-20 विश्वकप 2021 के पहले मैच में भारत को 10 विकटों से पटखनी दी थी। टी-20 पर पाकिस्तान खासा मेहनत कर रहा है और भारत से अगर वह सीरीज खेलता है तो ना केवल खिलाड़ियों का खेल सुधरेगा बल्कि पीसीबी को वित्तीय फायदा भी होगा।