फिल्म वालों को यह नॉवेल पसंद आया और अब इस पर फिल्म बनेगी। स्टुअर्ट का पॉपकॉर्न बेचने वाले फिल्म लेखक बनने का सफर सचमुच एक अकल्पनीय सफर है पर इसके लिए इस शख्स ने बहुत मेहनत भी की है। वे शुरू से ही फिल्मों के शौकीन रहे और इसलिए उन्होंने अपने घर के पास थिएटर में ही काम ढूंढा ताकि फिल्मों के टच में रह सकें।
थिएटर में काम करते हुए वे छुट्टी में फिल्में देख लेते थे और इस तरह उनका काम चलता रहा। अब गैलप की फिल्म के लिए निर्देशक की तलाश की जा रही है और उसके मिलते ही फिल्म बनना शुरू हो जाएगी। बधाई हो मिस्टर गैलप।