एक पुस्तक पर बैठा मच्छर,
सीख रहा था पाठ।
तभी वहां पर मक्खी आकर,
बोली बात सपाट।
खून चूसने वालों को क्या,
है पढ़ने का काम।
सदा रहेगा पढ़ लिख कर भी,
भैया तू बदनाम।
(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)
(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)
ALSO READ:बाल गीत : रखो पकड़कर समय