प्रेम की पाती प्रीतम के नाम
मधु टाक | रविवार,फ़रवरी 13,2022
हर राज दिल का तुम्हें बताने को जी चाहता है
हर इक सांस में तुम्हें बसाने को जी चाहता है
यही है मेरे प्यार,नेह और ...
प्रेम कविता : मिलूंगी तुम्हें वहीं प्रिये
मधु टाक | शुक्रवार,जनवरी 14,2022
मिलूंगी तुम्हें वहीं प्रिये
तारों से जब आंचल सजाओगे
सीपों से गहने जड़वाओगे
प्रीत में तेरी राधा सी बनकर
मन में जब ...
संक्रांति पर कविता : पर्व ऐसा मनाए
मधु टाक | शुक्रवार,जनवरी 14,2022
आओ ऐसी पतंग उड़ाएं
सरहद के सब भेद मिटाएं
चाहत रहे न कोई बाकी
उत्सव ऐसा आज मनाएं
आओ ऐसी..................
आयशा, तुम मुश्किलों से नहीं,अपनों की बेवफाई से हारी हो...
मधु टाक | गुरुवार,मार्च 4,2021
तुमने यह कैसी कर दी नादानी, बैठकर नदिया के पास नहीं सीखा लहरों से निर्बाध बहना, कितने तुफान और भवंर सीने में छुपा कर बस ...