मजेदार बाल गीत : नानी आज अकेली है...
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | शुक्रवार,जुलाई 1,2022
क्यों अब बनी पहेली है। नानी आज अकेली है। बात नहीं अब करता कोई,
घर में नाना-नानी से, गुड़िया रानी को अब मतलब...
मजेदार हिन्दी कविता : बदनाम भैया
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | मंगलवार,जून 28,2022
मच्छर और मक्खी पर पढ़ें छोटी फनी बाल कविता- एक पुस्तक पर बैठा मच्छर, सीख रहा था पाठ। तभी वहां पर मक्खी आकर,
बाल गीत : रखो पकड़कर समय
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | मंगलवार,जून 28,2022
निरंतर बढ़ते समय पर जीवन जीने की सीख देती फनी बाल कविता। चिड़िया बोली, राम-राम जी। उठो करो कुछ, काम धाम जी।
फनी बाल कविता : पेड़ नीम का
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | सोमवार,जून 20,2022
Poem on Neem Tree पेड़ नीम का घर के बाहर छाता बनकर, खड़ा हुआ है एक हकीम सा।
पेड़ नीम का। हवा चली तो डाली पत्ते Hindi Poem
व्यंग्य : इंतजार नीतू के आने का...
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | सोमवार,जून 13,2022
नीतू का आना अथवा नहीं आना नीतू पर निर्भर करता है। जिस दिन नीतू आ गई तो समझ लो आ गई। और जिस दिन नहीं आई तो मानना ही ...
मजेदार बाल कविता: धुक्कम-पुक्कम रेल
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | मंगलवार,मई 24,2022
रेल चली भई रेल चली, धुक्कम-पुक्कम रेल चली। टीना, मीना, चुन्नू, मुन्नू, डिब्बे बनकर आएं। मोहन कक्कू इंजिन बनकर,
फनी बाल कविता : जूतों की व्यथा
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | सोमवार,मई 23,2022
जूते बैठे दरवाजे पर, झांक रहे बैठक खाने में। कहते हैं क्यों- हमें मनाही ? हरदम ही भीतर आने में।
हिन्दी कविता : डाली से मुझको मत तोड़ो
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | सोमवार,मई 23,2022
डाली से मुझको मत तोड़ो, फूल कर रहा नम्र निवेदन, डाली से मुझको मत तोड़ो। मुझको दर्द बहुत होता है, ऐसे न अब कान मरोड़ो।
बाल गीत : पेड़ को है बंदगी
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | गुरुवार,मई 19,2022
पेड़ ने जीवन दिया है, पेड़ ने दी जिंदगी। पेड़ को शत-शत नमन है,
पेड़ को है बंदगी। पेड़ हैं तो प्राणवायु, पेड़ हैं तो अन्न जल।
बाल कविता: मच्छर मक्खी बड़े तबलची
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | गुरुवार,मई 19,2022
टोप नहीं साहब के सिर पर, सिर नंगा है साहब का। नंगा सिर देखा तो देखा, सिर गंजा है साहब का।