अमीरी की संस्कृति और बाजारू ताकत की गिरफ्त में आए बिना ही यह काम हो सकता है। इसके लिए विश्वसनीयता जरूरी है। आज की पत्रिकाओं की यह जिम्मेदारी है कि वे नए और अच्छे लेखकों को सामने लाएँ । पत्रिकाओं को नए लेखकों के लिए रास्ते बनाना चाहिए, उन्हें सामने लाना चाहिए। कहानी में तो भी यह हो रहा है लेकिन कविता में बहुत लोग आ गए हैं। अच्छे कवि खोजना मुश्किल हो गया है। तीसरे और चौथे दर्जे के कवि भी आ गए हैं और अच्छे कवि गुम हो रहे हैं।और भी पढ़ें : |