आप चाहकर भी उसकी गलत बातों को उजागर नहीं कर पाते, उसके विरुद्ध लिख नहीं पाते। वैसे भी जब आप किसी भी व्यक्ति से छोटा-सा भी अहसान ले लेते हैं, तो आप मानें न मानें, आपको उसका बदला किसी न किसी रूप में चुकाना ही पड़ता है। इसलिए अहसान से बचकर रहें और शान से जिएँ। अरे भई, गरजने वाली कलम अचानक मिमियाने क्यों लगी?
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