उन्होंने कहा कि रूटगर्स 2016 में सम्मेलन के आयोजन के लिए सहमत हो गया है, क्योंकि उसे लगता है कि ऐसा करने से भारतीय-अमेरिकी समुदाय और भारत की सरकार के साथ संबंध मजबूत हो सकते हैं तथा भारत सरकार पूर्व में न्यूयॉर्क में अपने मिशन के माध्यम से सम्मेलन को समर्थन देती रही है।
फाउंडेशन के भारत प्रभाग के समन्वयक प्रकाश हिन्दुस्तानी ने बताया कि ऐसा पहला सम्मेलन अप्रैल 2014 को न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में हुआ था जिसका उद्घाटन तत्कालीन भारतीय राजदूत एस जयशंकर ने किया था। हाल ही में रटगर्स विश्वविद्यालय के अफ्रीकी, मध्य-पूर्वी और दक्षिण एशियाई भाषा विभाग ने ओझा को मानद विजिटिंग शोधार्थी (ऑनरेरी विजिटिंग स्कॉलर) नियुक्त किया है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में होने जा रहे सम्मेलन का उद्देश्य विश्व में हिन्दी के पठन-पाठन का सिलसिला तीव्र गति से आगे बढ़ाना और प्रवासी समुदाय के सामाजिक-सांस्कृतिक-आर्थिक जीवन में हिन्दी का उपयोग बढ़ाना है।
ओझा ने कहा कि हम पूरी दुनिया से शोधार्थियों, प्रोफेसर, शिक्षकों और हिन्दी के समर्थकों को वर्ष 2016 में होने जा रहे सम्मेलन में आमंत्रित करना चाहेंगे तथा सम्मेलन की थीम के सिलसिले में विचार और सुझाव साझा करेंगे।
वर्ष 2016 में होने जा रहा सम्मेलन सामुदायिक सदस्यों, नेताओं, भाषा विशेषज्ञों, नीति-निर्माताओं, शिक्षा प्रशासकों और भारत के साथ-साथ अमेरिका, कनाडा, दक्षिण अमेरिका तथा कैरेबियाई देशों के विभिन्न पक्षों को एक मंच प्रदान करेगा, जहां वे अपने विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।
उन्होंने बताया कि रटगर्स में हिन्दी केंद्र के प्रतिनिधि के तौर पर मैं भारत सरकार तथा अमेरिका सरकार के अधिकारियों के साथ शैक्षिक संस्थानों खासकर उन स्कूलों में हिन्दी सीखने की पहलों का समर्थन करने के लिए काम करना चाहूंगा, जहां के पाठ्यक्रमों में हिन्दी शामिल नहीं है। (भाषा)