हिन्दी, बड़ी प्यारी सी सरल भाषा है हिन्दी। किसी न किसी रूप में इसका हम उपयोग जरूर करते हैं। हम अपने विद्यालय में, अपने दोस्तों से खेल के मैदान पर हिन्दी भाषा का ही प्रयोग करते हैं।
जब से मानव अस्तित्व में आया तब से ही भाषा का उपयोग कर रहा है चाहे वह ध्वनि के रूप में हो या सांकेतिक रूप में या अन्य किसी रूप में। भाषा हमारे लिए बोलचाल का माध्यम होती है। संप्रेषण का माध्यम होती है।
इसके द्वारा हम अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं। बातचीत कर सकते हैं। दूसरे लोगों के विचार सुन सकते हैं। यह बिलकुल सही है क्योंकि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज का निर्माण मनुष्यों के पारस्परिक सहयोग से होता है। समाज में रहते हुए मानव आपस में अपनी इच्छाओं तथा विचारों का आदान-प्रदान करता है।